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खांसी: लक्षण, कारण और उपचार

खांसी: लक्षण, कारण और उपचार खांसी के लक्षण खांसी सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो गले या फेफड़ों में जलन या संक्रमण के कारण हो सकती है। कुछ अन्य मुख्य चिह्न भी हो सकते हैं:

  • खांसी और मूँह में खराशः गले में खुजली या जलन अनुभव करें
  • कफ वाली खांसी: खांसते समय कफ बाहर निकलना। कफ सी खांसी कफ के साथ खांसी।
  • सांस की मुश्किल: खांसी के साथ सांस लेने में तकलीफ होना।
  • सीने में दर्द: लगातार खांसी से सीने में दर्द या भारीपन।
  • बुखार और माथे का दर्द: बुखार और माथे में दर्द या सिरदर्द का भी आसक्त कारण हैं।
  • खांसी के कारण:
  • सर्दी जुखाम और सर्दी बुखार: एक साधारण जुकाम या वायरल फ्लूखांसी सबसे ज्यादा सामान्य कारणन होती है।
  • धूल और धुंआ औररा प्रदूषण: धूल, धुंआ और प्रदूषण के कार्य किया जाने पर खांसी भी होती है।
  • स्मोकिंग: छोटे मठोलो कि कर लेना टकट की जरोने भी होते हैं और ये खांसी बंधन के रोने होते हैं।
  • एलर्जी: खाँसी होती है पेड के पराग, धूल या पशुओं के बालो की एलर्जी से
  • अस्थमा: क्रोनिक खुजली के झुर्रास. इस ख़ांस भरी परास्त स्थिति में फेफड़े अधिक संवेदनशील होजाते हैं जिससे खांसी आती है।
  • गैस्ट्रिफोफाजेल रिफ्लक्स डिसर्डर : गर्भाशय का निचला फैलाव हुआ मरीज का शिनो उसके गले में आती है जिससे खांसी शुरू होती है।
  • साइनस: बलगम फड़कने या साइनस में सूजन या गिलेटिन के कारण खाँसी बार कुएँवी से आता हैं।

खांसी का उपचार:खांसी की शिकायत को डॉक्टर के अनुसार किसी नस या बल्ब वगैरह कार्य बहुपूजन से करना पड़ता है। अनुकरण और कुछ प्रभावी घरेलू उपाय और चिकित्सा के विकल्प हैं:

  • क्रिमि प्रतिरोधी इस्तेमाल: उन्हें नये जंग जीवों के विरुद्ध अपनी रक्षा करने वाली दवाएं भर्ती करने से साहायता मिलेगी।
  • जुट्रास्टर: लक्षणों को दूर करने वाली दवाएँ उन्हें डालता है जो उन्हें याद आते है।
  • रोगग्रस्त क्षेत्र इलाज: मरोड़ी जला कर ठंडा रखें।
  • तीव्रता व कहरखेनेवाली दवा।.mededs घरेलू :
  • शहद अदरक: शहद में अदरक का रस गर्म कर कर पीयें।
  • हल्दी दूध: हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पियें।
  • भाप : गरम पानी का भाप निकलने दें।
  • तुलसी अदरक की चाय : तुलसी-अदरक की गरम पानी की चाय बनाकर पीनें।
  • नमक पानी के गरारे:, नमक पानी के गरारे करें। .
  • आयुर्वेदिक उपाय:
  • कफ सिरप:Balgam वाली खांसी में डॉक्टर की सलाह पर कफ सिरप लेना मदद गार सकता है।
  • एंटीहिस्टामिन: एलर्जी से खांसी बढ़ने पर एण्टीहिस्टेजिन्स दिया जाता है।
  • ब्रॉन्कोडायलेटर:
  •  यदि किसी का सांस से रिस्ता है जैसा की अस्थम या अन्य श्वसन संबंधी बीमारी है तो डॉक्टर एक ब्रांचोडाइलेटर इनहेलर का उपयोग कर सकता है।
  • खांसी रोकने के उपाय:
  • धुंम्रपान न करें: धुंम्रपानखांसी को बढ़ाता है और फेफड़ों को हानि पहुँचाता है।
  • ठंडी चीजें न गरम करें: ठंडे पानी, ठंडे पेय और ठंडी चीजें जेसे पेय आदि का सेवन नहीं करना चाहीए।
  • डस्ट एंड पॉल्यूशन आवॉइड करें: मास्क पहनें और जितना हो सके प्रदूषित या प्रदूषण होने वाली स्थलों से दूर रहें।
  • गले को सुंघ में न रखें: हाइड्रेटेशन कइ अधिक पानी पियें और गले को अजारिए हाइड्रेट रखें।
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