उपयोग
गिलोय जिसे “तिनोसा” या “गिलोय” कहा जाता है आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इसकी कई स्वास्थ्य लाभ है जिनमें से कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-

🔹गिलोय के उपयोग :
- गिलोय के रस पीने से मलेरिया तथा पुराना बुखार में लाभ होता है ।*
- चुटकी भर दालचीनी व लौंग के साथ लेने से मुद्दती बुखार दूर होता है ।
- बुखार के बाद रहने रहनेवाली कमजोरी में गिलोय का रस पौष्टिक एवं शक्तिप्रदायक है ।
- गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर पिने से पीलिया में लाभ होता है ।*
- गिलोय का रस दीर्घकाल तक लेते रहने से कायमी कब्जी के रोगी को लाभ होता है ।*
- गिलोय के चूर्ण अथवा रस का नियमित उपयोग डायबिटीजवालों के लिए लाभदायी है ।
- गिलोय उत्कृष्ट मेध्य अर्थात बुद्धिवर्धक रसायन है । इसके नियमित सेवन से दीर्घायुष्य, चिरयौवन व कुशाग्र बुद्धि कि प्राप्ति होती है ।*
- डेंगू
- जब डेंगू फैलता है तो बचाव में आप घरेलू उपाय के तौर पर गिलोय का सेवन कर सकते हैं। डेंगू होने पर मरीज को तेज बुखार हो जाता है। गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं, जो बुखार को जल्द ठीक करने में मदद करते हैं और इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करते हैं।
• इम्यूनिटी बूस्टर
गिलोय की सर्वोपरि ख़ासियत यह है कि इसकी इम्यूनिटी को बढाने की शक्ति है। यह शरीर की डिफेंस बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने के क्षमता को प्रयोगशाला करता है।
• डिटॉक्सिफाइकेशन
गिलोय विषेले पदार्थों का निकालने में फायदेमंद है, यह लिवर और किडनी के स्वास्थ्य के लिए शीघ्र सुधार होता है।
• पाचन का स्वास्थ्य
गिलोय के उपयोग आपके पाचन विशिष्टताओं को सुधारने में मदद करती है जैसे कि गैस्ट्राइटिस और एसिडिटी। यह आपके भोजन संबंधित समस्याओं को दूर करता है।
निम्नलिखित गुण हैंः
- शुगर लेवल नियंत्रित करना: यह रक्त में शर्करा की स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और इसलिए गिलोय मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है
- बुखार और वायरल संक्रमण: यह बुखार कम करने में प्रभावी है और वायरल संक्रमण को ठीक करने में मदद करता है, खासतौर पर डेंगू और मलेरिया
- एंटी-एजिंग: गिलोय वधुरणा रोकने और त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स प्राप्त करता है।
- सामान्य स्वास्थ्य: नियमित सेवन करने से शरीर की ऊर्जा और शक्ति होती है और इसलिए गिलोय सबसे अच्छी हेल्थ टॉनिक होती है।
- गिलोय के सेवन के नुकसान

- निम्न रक्त चाप
- गिलोय का अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। ऐसे में जिन मरीजों को निम्न रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- गर्भावस्था
- गर्भवती के लिए गिलोय का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। गर्भावस्था में या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।
गिलोय को कई तरह के स्वरूप में लिया जा सकता है, जैसे गिलोय रस, पाउडर और काढ़ा। जबकि, इसे किसी भी रूप में इस्तेमाल करते समय हमेशा डॉक्टर या एक विशेषज्ञ की सलाह जरूर पाएंःखासकर यदि आप किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित हैं।
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